आज अपनी मातृ संस्था बैंक में काम करते हुए मुझे दस साल हो गए और अपने अनुभव आप सबसे साझा करने का मन हुआ जो अच्छा लगे उसे अपनाइये,जहाँ सहमत न हों वहाँ भी अपनी राय दें और मुझे सीखने का अवसर दें।
1. बैंक की नौकरी एक आशीर्वाद है अभिशाप नहीं, ये नौकरी नहीं है एक सेवा है,जीवन जीने का एक सलीका है,इसलिये इसका आनंद लीजिये।कुछ भी अच्छा या बुरा लगना आपकी विचारधारा/सोच के ऊपर निर्भर करता है ,इसलिये पॉजिटिव बनिये।
2. बैंक में आपको हर तरह का मैनेजमेंट मिलेगा इसलिये अपनी सेवायें पूरी ईमानदारी के साथ दीजिये, आप हमेशा सुरक्षित रहेंगे।
3.अक्सर शाखाओं में काम करने वालों को जब रीजनल ऑफिस, हेड आफिस में काम करने का मौका मिलता है उनका रंग ढंग,और व्यवहारिक स्वभाव बदल जाता है,इसे स्वयं पर हावी न होने दें और यथासंभव अपने स्टाफ की मदद करें,अपने सहकर्मियों का दिल जीतने का यह सबसे अच्छा तरीका है।
4.अपने ग्राहकों के साथ हमेशा empathetic व्यवहार
रखिये,उन्हें सेवा देने के साथ थोड़ा सा मुस्कुरा कर
अपनेपन से बात करेंगे तो वो संतुष्ट ही नहीं अपितु हर्षित
होकर जाएगा।
5. मैंने देखा है कि कुछ एक्सपर्ट साथी अपना ज्ञान बांटने से बचते है ,ये सोचकर, कि इस तरह उनकी वैल्यू काम हो जाएगी लेकिन आपमें अगर किसी विषय विशेष की expertise है तो उसे साझा कीजिये अपने सहकर्मियों के साथ,ऐसा करने से आप सम्मान के पात्र भी बनेंगे और आपका काम करने का उत्साह भी बढ़ेगा।
6.बैंक की सेवा में चार "प" यानि पद, पैसा,प्रतिष्ठा और परिवार हमेशा एक साथ नहीं मिल पाएंगे,ये आपकी priority है कि आप क्या चुनते हैं और क्या कीमत चुकाते हैं।
7. प्रैक्टिकल बैंकिंग और बुक बैंकिंग हमेशा एकसाथ सम्भव नही है जहां भी संभव हो अपने विवेक के अनुसार फैसला लीजिये और काम कीजिये।
8.सामान्यतया अधिकतर साथी 4-5 बजे के बाद तसल्ली से शाखा में बैठकर काम करते हैं इससे आपके परिवार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और साथ मे ब्रांच हेड की अपेक्षाएँ भी। अधिकांश कार्य आप नियत समय यानी 10 से 5 के बीच खत्म कर सकते हैं।अनावश्यक न रुकें।
9.अनावश्यक चापलूसी से बचिए। और "नये हैं काम सीखने का वक़्त है" ये बोलकर अपना काम कराने वाले सीनियर को साफ सुथरा "ना" बोलना शुरू कीजिए।
10.अगर आपकी गलती ना भी हो तो किसी भी स्टाफ से बहस मत करिये। भविष्य में फायदे में रहेंगे, वरना बेवजह आपके हर होने वाले काम को लटकाया जायेगा।नकारात्मक स्टाफ और कस्टमर हमेशा मिलेंगे,अपना सारा काम बिना किसी दुर्भावना के करें।
11. "लिख के दे दो" बोलने वाले कस्टमर्स से बोलिये "लिख के पूछो" और यदि बैंक का कस्टमर नही है तो बोलिये rti से लीजिये।
12.सीनियर, जूनियर, सबस्टाफ़ जो भी आपसे क्लोज हैं,गाइड करता है,सेवा करता है उसके काम मे आगे बढ़ कर मदद कीजिये आत्मसंतुष्टि भी मिलेगी,ब्रांच का काम भी निपटेगा और माहौल फ्रेंडली बनेगा।
13. ब्रांच हेड हमेशा गलत नही होता,अनुशासन बनाये रखने के लिए कभी कभी कठोर होना पड़ता है,सहयोग करना सीखिये।ब्रांच हेड से यथासम्भव मेलजोल रखिए। हंस बोलकर, समय से काम निपटाकर, बिना कहे कभी कभार उनकी हेल्प करके अपना काम करवाना सीखिए। यथासंभव यूनियनबाज़ी, रूल एन राईट्स से बचिए। ध्यान दीजिए ।
14.बैंक मे एक सूत्र है-विश्वास रखिए, विश्वासपात्र बनिए। इसका पालन सोचसमझकर करेंगे तो काम का बोझ और तनाव कम होगा।
आश्वस्त रहिए कि हम नई पीढ़ी, ध्वस्त और बदनाम होती बैंकिंग को बदल पाएंगे। अगले कुछ सालों मे लगभग सारा बैंकिंग स्टाफ यंग होगा। पुराने लोगो का तजुर्बा और हमारी स्मार्ट वर्किंग इस दमघोंटू वर्किंग कल्चर को निश्चित ही बदलेगी।
याद रखिए, काम की अधिकता से पहले काम की अनियमितता हमे थकाती है।
कुछ नया हो तो मुझे भी सिखाईये☺️☺️
हैप्पी बैंकिंग...!!!